तेली कौन है ? Who is the Teli Cast People?
तेली एक भारतीय जाति है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में पाई जाती है। यह जाति भारत की सबसे बड़ी जातियों में से एक है जिसमें करीब करोड़ से अधिक लोग शामिल हैं। तेली समाज भारत का एक प्रमुख जाति समूह है, जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्यों में पाया जाता है। इस समाज का नाम “तेली” उनके पेशे से लिया गया है, जो उनका मुख्य रोजगार होता है।
तेली समाज की उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित तथ्य उपलब्ध नहीं हैं। इस समाज के उदय का एक कारण उनके पेशे में था, जो उन्हें धनवान बनाता था। तेली समाज के लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में अपने पैदावार से ही विस्तृत हो गए थे।
तेली समाज के लोगों के पास धन की कमी नहीं थी। उन्होंने अपने पेशे से धन कमाया और उन्हें समाज के अन्य वर्गों से अलग बनाया। ये लोग धनवान बनकर समाज में ऊंची स्थान पर पहुँच गए थे और इससे उनका समाज समृद्ध हो गया। इसके अलावा, तेली समाज के लोगों ने अपने समाज के विकास के लिए कई सामाजिक एवं शैक्षिक कार्यक्रमों की शुरुआत की।
तेली समाज के लोग वर्तमान में भी अपने पेशे से जुड़े हुए हैं, जैसे तेली, लोहार और संज्ञातक आदि। इनके अलावा वे अन्य क्षेत्रों में भी अपने काम करते हुए पाए जाते हैं। तेली समाज के लोग अपनी परंपरागत संस्कृति को बचाए रखने के साथ-साथ आधुनिकता के साथ साथ चलने में भी सक्षम हैं। वे आज भी समाज में अहम भूमिका निभाते हैं और उन्हें उनकी समृद्ध और संस्कृतिक विरासत का गर्व है।
तेली जाति में अनेक समुदाय होते हैं जो अपनी-अपनी भाषा बोलते हैं, लेकिन हिंदी भाषा का उपयोग ज्यादातर होता है। इस जाति में उच्च शिक्षा के लिए बड़ी रूचि है और आधुनिक तकनीक का भी उपयोग करते हैं।
भारत में तेली समाज एक बहुत ही पुरानी जाति है जो कि विभिन्न राज्यों में मौजूद है। यह समाज अपनी अलग अंतर्जातीय रीति-रिवाज और संस्कृति के लिए जाना जाता है। तेली समाज के लोग अधिकतर अपने गाँवों में रहते हैं और कृषि और उद्योग के काम में लगे रहते हैं।
तेली समाज के लोग बहुत ही श्रमिक होते हैं और उनका जीवन बहुत ही थोड़े संसाधनों पर निर्भर होता है। इसलिए, उन्हें अपने संसार को ध्यान में रखना और उनकी समस्याओं का समाधान करना बहुत जरूरी है।
इस समाज के लोग बहुत ही परंपरागत होते हैं और अपनी संस्कृति और रीति-रिवाजों का बहुत ख्याल रखते हैं। ये लोग धार्मिकता के बहुत ही निष्ठावान होते हैं और अपने धर्म को बहुत महत्व देते हैं। उन्होंने अपने समाज के लिए कुछ खास धार्मिक त्यौहार भी बनाए हैं जैसे नवरात्रि, दशहरा, दिवाली आदि।
तेली समाज के लोगों का एक बड़ा विशेषता यह है कि वे अपने समाज के लोगो के साथ बहुत जुड़े हुए हैं और एक दूसरे की मदद करने में उत्सुक होते हैं। इसलिए, यह समाज बहुत ही समृद्ध है जो एक दूसरे के साथ खुशहाल रहता है। इस समाज के लोग बहुत ही समझदार होते हैं और शिक्षा को बहुत महत्व देते हैं। आज तेली समाज के लोग अपनी शिक्षा को बढ़ाने के लिए बहुत ही सक्रिय हैं। वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए अपनी संसाधनों का उपयोग करते हैं।
तेली समाज के लोगों का एक और बड़ा विशेषता यह है कि वे अपने परिवार का बहुत ही अच्छा ख्याल रखते हैं। इस समाज के लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक साथ रहते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं। ये लोग बहुत ही समझदार होते हैं और अपने परिवार के सदस्यों के लिए हमेशा ज़िम्मेदारी लेते हैं।
तेली समाज की महिलाएं भी अपने समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं। ये महिलाएं अपने घर के काम के साथ-साथ उद्योग और कृषि से भी जुड़ी होती हैं। उन्का योगदान समाज के विकास में बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समाज में महिलाओं को शिक्षा देने का प्रयास किया जाता है ताकि वे अपनी आवाज़ को सुनवाई कर सकें और अपने जीवन में समृद्धि प्राप्त कर सकें। इस समाज के लोग विविधता में भी बहुत रुचि रखते हैं और अन्य समाजों के साथ मिल-जुलकर रहते हैं। इस समाज में विविधता के साथ जीवन जीने का एक अनुभव होता है जो बहुत ही रोचक होता है।
अंततः, तेली समाज भारत के समृद्ध और संपन्न समाजों में से एक है। इस समाज के लोगों का बहुत ही समझदार और उत्साही होने का मुख्य कारण शिक्षा है। वे अपने परिवार और समाज के लिए हमेशा ज़िम्मेदारी लेते हैं और अपने क्षेत्र में समृद्धि लाते हैं।
तेली जाती के कुल देवी देवता
तेली जाति भारत की एक महत्वपूर्ण जाति है जो उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में पाई जाती है। इस जाति के कुल देवी देवता कई होते हैं और इनमें से कुछ महत्वपूर्ण देवी-देवताओं के नाम निम्नलिखित हैं:
- भगवती माता – तेली जाति की प्रमुख देवी देवता हैं। उन्हें वर्ष के अनुष्ठान के दौरान विशेष पूजा की जाती है।
- थाकुर जी – थाकुर जी तेली जाति के एक और प्रमुख देवता हैं। उन्हें तेली जाति का संरक्षक माना जाता है।
- शिवजी – तेली जाति में शिवजी को भी बहुत महत्व दिया जाता है। वे तेली जाति के लोगों के जीवन के सभी पहलुओं में मौजूद होते हैं।
- हनुमान जी – तेली जाति में हनुमान जी को भी बहुत श्रद्धा से पूजा जाता है। उन्हें शक्ति और समर्थता के प्रतीक के रूप में माना जाता है।
इसके अलावा, तेली जाति में भगवान राम, श्रीकृष्ण, गणेश जी, सूर्य देव, चन्डी माता, काली माता आदि कई देवी -देवताओं की भी पूजा की जाती है।
हाँ, तेली जाति में भगवान राम, श्रीकृष्ण, गणेश जी, सूर्य देव, चन्डी माता, काली माता जैसे कई देवी-देवताओं की भी पूजा की जाती है। ये सभी देवी-देवताएं तेली जाति के लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनकी पूजा उन्हें शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करती है।
तेली जाति की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विस्तृति के बारे में अधिक जानने के लिए, लोग इस जाति के संसाधनों, समुदाय के स्थानों और अन्य पहलुओं के बारे में अधिक जान सकते हैं। भारत के ज्ञान और संस्कृति के लिए जातियों का महत्व अद्भुत है, जो इस देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
तेली समाज का इतिहास बहुत पुराना है और उनकी समाज सेवा के कार्यक्रम उनके समृद्ध होने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने न केवल अपने पेशे के क्षेत्र में सक्षमता बढ़ाई है, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी अपने काम करते हुए अपनी एक अहम भूमिका निभाई है। उनकी संस्कृति और आधुनिकता के साथ-साथ चलने की क्षमता उन्हें समाज में एक विशिष्ट स्थान देती है। उनके समृद्ध और संस्कृतिक विरासत का गर्व होना एक अच्छी बात है।
आगे की सम्पूर्ण जानकारी नीचे वीडियो में दी गई है
Comments (2)
Pradeep Rathore
Teli samaj Rathore ji
सत्य नारायण साहू
हिंदू तेली पचोली गोत्र की दिहाड़ी कहा हे ओर केसी हैं